बुधवार, 22 जून 2011

गंगा-यमुना एक्सप्रेसवे विरोधी अभियान


कार्यकर्ता शिविर, 19-20 जून, 2011, स्थान- ओंग फतेहपुर (उ.प्र.)
बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लुभावनी विकास योजनाओं के मकड़जाल में फँसी राज्य सरकारों की योजनाओं में उत्तर प्रदेश की सरकार द्वारा गंगा व यमुना एक्सप्रेसवे का निर्माण प्रस्तावित है जिनमें लाखों किसानों की अत्यन्त उपजाऊ जमीन कौड़ियों के भाव खरीदकर बड़ी कम्पनियों को दी जा रही है। ये कम्पनियां आठ गलियारे की सड़क बनाकर बड़ी-बड़ी कम्पनियों के लिए परिवहन की व्यवस्था करेंगी, उनके किनारे शॉपिंग मॉल, रिहायशी कॉलोनियाँ और ऐशोआराम के अड्डे बनायेंगे। इससे दोआब की उपजाऊ खेती का विनाश होगा, देश की दो महान नदियाँ नष्ट होंगी और इन नदियों की किनारे की संस्कृति पर भी हमला होगा।
इन योजनाओं से उत्तर प्रदेश के कई जिलों के किसान आन्दोलित हैं। यमुना एक्सप्रेसवे के विरुद्ध किसानों का संघर्ष चल रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे के खिलाफ बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, इलाहाबाद, कानपुर में विरोध प्रदर्शन हुए हैं।
इन संघर्षों से जुड़े कुछ साथियों का यह विचार बना है कि जमुना और गंगा से जुड़े दोनों अभियानों के साथी कहीं दो दिन के लिए एक साथ बैठ लें, अपने-अपने अनुभव एक दूसरे से साझा कर लें और संभव हो तो दो अभियानों को जोड़ते हुए एक बड़ा आन्दोलना खड़ा करने पर विचार करें। वे ऐसा महसूस कर रहे हैं कि आन्दोलन की बड़ी ताकत बनने से ही ये परियोजनाएँ रोगी जा सकेंगी और खेती-किसानी, नदियों और संस्कष्ति को बचाया जा सकेगा।
आन्दोलन के साथियों ने दो दिन- 19-20 जून, रविवार-सोमवार को इसी उद्देश्य से आदर्श जनता इण्टर कॉलेज, ओंग, फतेहपुर (उ.प्र.) में एक शिविर रखा है जिसमें पूर्व, मध्य और पश्चिम उत्तर प्रदेश के इन मुद्दों पर संघर्षशील साथी आपस में मिल बैठकर आगे गी रणनीति बनायेंगे।

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