शनिवार, 7 नवंबर 2009

राष्ट्रीय ई शाशन योजना

भारत सरकार ने देश में -शासन के विकास के लिए राष्ट्रीय -शासन योजना की आधारशिला वर्ष 2003 में ही रखी थी और इस योजना को सुचारू रूप से संचालन के लिए आवश्यक सुविधाएँ भी उपलब्ध करा रही है।

इस परियोजना के अंतर्गत- देश में नागरिक व्यापार उन्मुखी वातावरण बनाना, सही प्रशासन और संस्थागत तंत्र उत्पन्न करना, आधारभूत संरचना और नीतियाँ बनाना और केन्द्र, राज्य एवं एकीकृत सेवा स्तर पर मिशन मोड प्रोजेक्ट को लागू करना शामिल है।

राष्ट्रीय - शासन की परिकल्पना

सभी सरकारी सेवाओं को सार्वजनिक सेवा प्रदाता केन्द्र के माध्यम से आम आदमी तक पहुँचाना और आम आदमी की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने लिए इन सेवाओं में कार्यकुशलता, पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना -शासन का उद्देश्य है।

शासन का महत्व

-शासन नागरिक सेवाओं का रूपांतरण कर सकती है, नागरिकों के सशक्तीकरण के लिए सूचनाएँ प्रदान कर सकती है, सरकार में उसकी सहभागिता संभव बना सकती है और आर्थिक एवं सामाजिक अवसर का लाभ उठाने के लिए उन्हें सक्षम बना सकती है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी उपकरण पुराने संस्थागत ढ़ाँचें में नये आयाम जोड़ रहा है। देश में प्रभावी -शासन के लिए सूचनायुक्त और सहभागी समुदाय का होना बहुत जरूरी है।

-शासन का प्रयोग निम्न कार्यों में हो रहा है

सरकारी सेवाओं को उपलब्ध् कराने में

सूचना के आदान-प्रदान में

संवाद प्रेषण में

सरकार एवं नागरिकों ;जी 2 सीद्ध तथा सरकार एवं व्यवसाय (जी 2 बी) के बीच विभिन्न व्यवस्था एवं सेवाओं को एकीकृत करने

एक विभाग के भीतर तथा सरकार के भीतर विभिन्न स्तरों पर सूचनाओं का आदान-प्रदान में

-शासन के माध्यम से नागरिकों को सरकारी सेवाएँ उपयुक्त, प्रभावी और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध् कराये जाएँगे। सरकारी कर्मचारियों को तकनीक और संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य है प्रौद्योगिकी आधरित प्रशासन के माध्यम से उन्हें जिम्मेदार बनाया जाए।

-शासन का लक्ष्य

1. कर्मचारियों की क्षमता में वृद्धि करना

2.कर्मचारियों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना

3.सरकारी व्यवस्था में नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित करना

संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से -शासन सशक्त करता है

1. स्वच्छ प्रशासन

2. विश्वास और उतरदायित्व

3. नागरिक कल्याण

4. लोकतंत्र

5. राष्ट्र के आर्थिक विकास

-शासन केन्द्र बिन्दु

1. सेवा वितरण तंत्र सुधार पर विशेष ध्यान देना

2. उत्पादन की क्षमता में वृद्धि

3. बड़े स्तर पर सूचनाओं के प्रयोग पर जोर

कुबेरनाथ राय   (1933 — 1996) कृतियाँ प्रिया नीलकंठी   ( 1969 ) प्रथम निबंध संग्रह  रस आखेटक   ( 1971  ) गंधमादन   ( 1972 ) वि...